व्यापार और तार

एक युवक बड़ा निराश दिखाई देताथा। एक मित्र के पूछने पर उसने बताया- मैं व्यापारके सिलसिले में बाहर गया तो परसों सवेरे मैंने अपनी पत्नी को तार दियाकि मैं कल रात घर आ जाऊँगा और जब मैं लौटा तो देखा कि पत्नी के बिस्तर पर एकपड़ोसी का लड़का ‘मैंसमझ गया।मित्रउसकी बात काटकर बोला- फिर क्याहुआ?’ ‘मैं इसबारे में सलाह करने अपनी माँ के पास गया। मैंने उन्हें सारीबात बताई। सब सुनकर माँ बड़ी देर तक चुप रहीं, फिर बोली- होसकता है उस बेचारी को तुम्हारा तार नमिला हो।