स्वामी विवेकानंद अंधभक्ति क्च कोई व्यक्तिकितना ही महान क्यों न हो, उसके पीछे आंखें मंूद कर न चलिए, क्योंकि ईश्वर की यदि ऐसी ही इच्छा होती तो वह हर प्राणी को आंख, कान, नाक, मुंह, मस्तिष्क आदि क्यों देता? स्वामी विवेकानंद Related Posts:सार्थक सुविचार सार्थक और प्रभावी उपदेश वह है जो वाणी से नहीं अपने आचरण से प्रस्तुत किया जाता है। -पं. श्रीराम शर्मा … Read Moresuvichar 12/07/2012 Normal 0 false false false EN-IN X-NONE HI … Read Moreसुविचार सागर Normal 0 false false false EN-IN X-NONE HI … Read Moresuvichar by napoleon हम अगर किसी चीज की कल्पना कर सकते हैं तो उसे साकार भी कर सकते हैं। - नेपोलियन हिल … Read Moreचाल्र्स डिकिन्स खुश रहना और संतुष्ट रहना सौंदर्य बढ़ाने और युवा बने रहने के श्रेष्ठ तरीके हैं। -चाल्र्स डिकिन्स … Read More