suvichar of 5/7/12 भूल करना मनुष्य का स्वभाव है, लेकिन भूल को स्वीकार कर लेना और वैसी भूल फिर न करने का प्रयास करना वीर एवं साहसी होने का प्रतीक है। - महात्मा गांधी Related Posts:सुविचार collection "किसी भी व्यक्ति को बहुत ईमानदार नहीं होना चाहिए ---सीधे बृक्ष और व्यक्ति पहले काटे जाते हैं." चाणक्य सूक्ति वाक्य … Read Moreसुविचार- स्वामी विवेकानंद सुविचार भोलापन क्च बहुत अधिक सीधा और सरल होना भी पाप है। यह एक पाप ही अनेक दुर्बलताओं का कारण बनता है। &nb… Read MoreToday's suvichar आलस्य में दरिद्रता का वास है, और जो आलस्य नहीं करता है उसके परिश्रम में लक्ष्मी बसती हैं। -तिरुवल्लुवर … Read Moresaty suvichar Normal 0 false false false EN-IN X-NONE HI … Read Moreसुविचार point "शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है. शिक्षित व्यक्ति सदैव सम्मान पाता है. शिक्षा की शक्ति के आगे युवा शक्ति और सौंदर्य दोनों ही कमजोर हैं ." चाणक्य सूक्ति वाक्य … Read More