सुविचार-वीरतापूर्वक सम्मानके साथ मरने की कला के लिए किसी विशेष .. वीरतापूर्वक सम्मानके साथ मरने की कला के लिए किसी विशेष प्रशिक्षण की जरूरत नहीं है। उसकेलिए परमात्मा में जीवंत श्रद्धा काफी है। - महात्मा गांधी Related Posts:सुविचार in हिन्दी जब दुनिया यह कह्ती है कि ‘हार मान लो’ तो आशा धीरे से कान में कह्ती है कि ‘ एक बार फिर प्रयास करो’ और यह ठीक भी है। … Read Moresuvichar by laootse Normal 0 false false false EN-IN X-NONE HI … Read Moresuvichar 16/07/2012 जीवन सौंदर्य से परिपूर्ण है। इसे देखें, महसूस करें, पूरी तरह से जीएं, अपने सपने पूरे करने के लिए पूरी कोशिश करें। -एशले स्मिथ … Read Moreसुविचार संग्रह Normal 0 false false false EN-IN X-NONE HI … Read Moregood thoughts in hindi language ज्ञान की बातें सुनकर जो उन पर अमल करता है, उसी के हृदय में ज्ञान की ज्योति प्रकट होती है। thoughts by -अबू उसमान … Read More