sadvichar darshan मनुष्य अनुचित और भ्रष्ट कर्म करहर क्षण स्वयं को धोखा देता है, क्योंकि वर्तमान कर्म ही उसके भविष्य के प्रारब्ध का आधार है। -नीतिसार Related Posts:आज का सुविचार सुविचार विजयी वही होता है, जो विजयी होने के बारे में सोचता है। कायर कभी भी विजय प्राप्त नहीं कर सकता है। -मिल्टन … Read Moreसुविचार-कार्लाइल क्षणभर के लिए हितकारी अवसर आता है। हम उसे खो देते हैं और महीनों तथा वर्षों का नाश हो जाता है। -कार्लाइल … Read Moreअनुभव अनुभव यह नहीं है जो मनुष्य के साथ घटता है बल्कि घटे हुए प र हमारी क्या प्रतिक्रिया होती है यह अनुभव है। -एल्डुस हक्सले … Read Moresuvichar by william james Normal 0 false false false EN-IN X-NONE HI … Read Moresuvichar by plootark सीख क्च कोई गलती न करना मनुष्य के बूते की बात नहीं है, लेकिन अपनी त्रुटियों और गलतियों से समझदार व्यक्ति भविष्य के लिए बुद्धिमत्ता अवश्य सीख लेते हैं। प्लूटार्क … Read More