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प्रेम- प्रेम में व्यक्ति हर पल, हर क्षण, चौबीस घंटे रह सकता है। लेकिन क्रोध में कुछ पल से ज्यादा नही रह सकता।
                                                                                                                      स्वामी अवधेशानंद गिरी
Thursday, March 15, 2012Unknown

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