प्रेम-
प्रेम में व्यक्ति हर पल,
हर क्षण, चौबीस घंटे रह सकता है। लेकिन क्रोध
में कुछ पल से ज्यादा नही रह सकता।
स्वामी
अवधेशानंद गिरी