daily सुविचार



हमने अब तक जो कुछ अच्छा पढा या सुना है उस पर विचार करें, उसे हजम करें उसे जीवन का अंग बना लें तभी पढने और सुनने का प्रयोजन सिद्ध होता है।
Friday, September 20, 2013Unknown