daily सुविचार



हमने अब तक जो कुछ अच्छा पढा या सुना है उस पर विचार करें, उसे हजम करें उसे जीवन का अंग बना लें तभी पढने और सुनने का प्रयोजन सिद्ध होता है।
Friday, September 20, 2013Unknown

Related Posts:

  • निर्भयता Normal 0 false false false EN-IN X-NONE HI … Read More
  • सुविचार कोष Normal 0 false false false EN-IN X-NONE HI … Read More
  • सुविचार-चीनी कहावत Normal 0 false false false EN-IN X-NONE HI … Read More
  • suvichar 22712 जब तक हम दूसरों के बारे में नहीं सोचते और उनके लिए कुछ नहीं करते हैं तब तक खुशियों के सबसे बड़े स्रोत को गंवाते हैं। -रे लाइमन विलबूर … Read More
  • suvichar 13/07/2012 रोशनी क्च रोशनी फैलाने के दो तरीके हैं, या तो दीपक बन जाएं या उसे प्रतिबिम्बित करने वाला दर्पण। एडिथ व्हॉर्टन … Read More